नागपुर के गंगा जमुना रेड लाइट एरिया के नाम से प्रसिध्द है यहा की सुबह ही गालीगलोच और मारपीट के साथ होती है । यहा के सेक्स वर्कर के साथ बहुत बेरहमी के साथ पेश आते है लेकिन हमने कभी सोचा है क्या ? वह किसी की बहन है । या किसी की मॉ है । हमे हमारे अंदर के धानव को बाहर निकल कर उन्हे अपनाना चीहीये।
हमारा समाज उन्हे क्यू नही अपनाता एक महिला दूसरे महिला की इज्जत क्यू नही करती । इस सवाल का जवाब हमे सोचना है और उसे बाहर निकलना है । सेक्स वर्कर को रोजगार के झांसे में फंसाकर वेश्यालयों तक पहुंचाया जाता है। आर्थिक कारण, सामाजिक कारण, मनोवैज्ञानिक कारण, ये लोग इस धंधे में आती है । इस काले धंदे में 15 से 30 साल तक की सेक्स वर्कर की संख्या बहुत मात्रा मै है । कई बार इसमें सेक्स वर्कर प्रेगेन्ट हों जाती है ।
अगर लड़की हुए तो उसे धंदे में उतरा जाता है । अगर लड़का हुआ तो उसे दलाल बना दिया जाता है । येह समाज उन लड़का लड़कियों को अपनाने को तयार नही रहता । समाज उसे गलत नजर से देखता है । लेकिन सेक्स वर्कर के दुःख की कहानी ओ किसे बतायेगी येह हमारे लिये सोचने वाली बात है । उस मासूम चेहरे को देखकर एक समाज सेवक रामभाऊ इंगोले ने उन सेक्स वर्कर को कहा की आप तो पढ़े लिखे नही अगर आप उन बच्चो को स्कूल में दाखिल करगे तो उनका भविष्य बन जायेगा।
सेक्स वर्कर ने कहा लेकिन उस बच्चे का बाप का नाम हम लोग क्या लिखगे । रामभाऊं इगोले सामने आये और बोले मै दूँगा उन्हे बाप का नाम । शूरवात मै उन्हे कई कठिनाई का सामना करना पड़ा । सेक्स वर्कर कोई अपना बच्चे को देने के लिये तयार नही थे । लेकिन धीरे धीरे कामयाब हों गये । उनको समाज के विरोध के साथ घर से भी विरोध हों गया लेकिन उन्होने अपने काम को छोड़ा नही बल्कि उन्होने अपना काम जोर से चालू किया ।
नागपुर से 18 किलोमीटर कि दूरिपर पाच गाव मै जगह मै सेक्स वर्कर के बच्चे पढ़ाने लगे यह जगह अमेरिका में रहने वाले नवीन देसाई ने विमलाश्रम को दी अभी विमलश्रम को पक्का मकान का सपना दूर हों गया क्यू कि कुछ दिन के बाद नवीन देसाई का देहांत हों गया । लेकिन उनके दोस्तो ने पैसे का सही उपयोग करके विमलश्रम में ‘नवीन देसाई निवासी स्कूल’ भव्य स्कूल में देखने को मिला आज यहा २०० अनाथ बच्चे पढ़ रहे है ।
‘जिसका कोई नही उसका तो खुदा होंता है यारो’ आज रामभाऊं इगोले ही उस अनाथ बच्चे के माँ और बाप है । हालाँकि यहा पहली से लेके सातवीं तक स्कूल है और उसे आभी मान्यता भी मिल गयी है । संस्था के पास जाने का मार्ग नागपूर-उमरेड मार्ग पे पाचगाव में विमलाश्रम नामक संस्था है ।
नागपूर बस डेपो से उमरेड जाने कि बस मिलती है .नागपूर से 18 किमी पर पाचगाव है । पाचगावा में विमलाश्रम और नवीन देसाई निवासी स्कूल है . बस, रिक्षा और टमटम से पाचगाव जा सकते है।
कुछ लोग फ्री में शिखाने के लिये आते है । कोई डॉक्टर उन बच्चे को हेल्थ चेकउप करके जाता है । इस बच्चे के चेहरे पर जो हसी देखते है उससे उनको बूहत आनंद मिलता है । और रामभाऊं येह अपनी सम्पति समजते है । काल का सवेरा कैसा निकलेगा येह हमे मालूम नही लेकिन इस संस्था के चार पाच लोग बी .ई .खत्म किया है ।
वर्धा के खासदार दत्ता मेघे ने पूरे बच्चे को फ्री मैं एजुकेशन शुरू कर दि है । और आडवाणी तो बहुत मदत करते है 18साल से डॉ कुंदा पाचुडें ने बहुत अच्छा साथ दिया है। सबसे बड़ी बात तो येह है की उन्होने उनका बूहत अच्छा साथ दिया है । शरद रोडे , रामेश्वर भुते , प्रेमलता जाधव ये सब रामभाऊ इंगोले के साथ रहकर आपणा सहयोग देते है । आने वाले 24 दिसम्बर 2017 को ‘आम्ही सारे कार्यकर्ता पुरस्कार’ स्वभिमानी शेतकरी संगटनेचे खासदार राजू शेट्टी इनके हाथो से दिया जायेगा ।
इस समय अमरावती बीजेपी अध्यक्ष प्रा.दिनेश सुर्यवंशी, अमरावती के सीईओ किरण कुलकर्णी, अमरावती महानगर पलिका के हेमंत पवार उपस्थित रहेंगे । देश में रोजाना 2000 लाख रूपये का देह व्यापार होता है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के एक अध्ययन के मुताबिक भारत में 68 प्रतिशत लड़कियों को रोजगार के झांसे में फंसाकर वेश्यालयों तक पहुंचाया जाता है। 17 प्रतिशत शादी के वायदे में फंसकर आती हैं। वेश्यावृत्ति में लगी लड़कियों और महिलाओं की तादाद 30 लाख है।
इसमें व्यापारिक दृष्टिकोण से सबसे ज्यादा धंधा वाला एरिया है कोलकात्ता और मुम्बई। एक आकड़े के अनुसार करोड़ों रूपयो का साप्ताहिक बाज़ार है अकेले मुम्बई का रेडलाईट एरिया। मुम्बई पुलिस के दस्तावेजों के मुताबिक बाहर से आकर यहां वेश्यावृत्ति में लिप्त युवतियों में उज्बेकिस्तान की युवतिया सबसे ज्यादा हैं।
गृह मंत्रालय के वर्ष 2007 के आंकडे के अनुसार भारत में तमिलनाडु और कर्नाटक देहव्यापार में शिर्ष पर हैं। 2007 के आंकडे के अनुसार वेश्यावृत्ति के 1199 मामले तमिलनाडु में और 612 मामले कर्नाटक में दर्ज किए गए। ये मामले वेश्यावृत्ति निवारण कानून के तहत दर्ज किए गए हैं।
आधुनिक युग में स्त्रियों को वेश्यावृत्ति की ओर प्रेरित करनेवाले प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं आर्थिक कारण, सामाजिक कारण, मनोवैज्ञानिक कारण एक अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में यौनकर्मियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही हैं। 1997 में यौनकर्मियों की संख्या 20 लाख थी जो 2003-04 तक बढ़कर 30 लाख हो गई। 2006 में महिला और बाल विकास विभाग द्वारा तैयार रिपोर्ट में यह भी पाया गया था कि देश में 90 फीसदी यौनकर्मियों की उम्र 15 से 35 साल के बीच है।
[स्रोत- बालू राऊत]