आगरा : होली का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न होनेे के बाद आगरा में धारा 144 लागू कर दी गई है। अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर केपी सिंह ने अवगत कराया है कि आगरा महानगर में आगामी माहों में होने वाले विभिन्न धार्मिक पर्व जैसे चेटीचन्द, मौ. हजरत अली का जन्म दिवस, रामनवमी, महावीर जयन्ती, गुड फ्राइडे, डॉ. भीमराव अम्बेडकर जन्म दिवस, चन्द्रशेखर जयन्ती, परशुराम जयन्ती, बुद्ध पूर्णिमा, शब्बे बरात एवं विश्व विद्यालय़़ परीक्षा, उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद एवं उप्र लोक सेवा आयोग तथा क्षेत्रीय निदेशक, कर्मचारी चयन आयोग इलाहाबाद, उप्र अधीनस्थ चयन बोर्ड लखनऊ के द्वारा संचालित परीक्षाओं एवं अन्य परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए
इस अवसर पर कुछ असामाजिक तत्व आगरा महानगर की शान्ति व्यवस्था भंग करने का प्रयास कर सकते हैं। इसलिए ये कदम उठाया गया है। बनी रहे शांति व्यवस्था अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर केपी सिंह ने बताया कि जन भावनाओं को उद्धेलित करके भड़का सकते हैं, जिससे शान्ति व्यवस्था भंग हो सकती है। ऐसे अवसर पर कतिपय अपराधिक एवं निहित स्वार्थों से प्ररित असामाजिक तत्व परीक्षा के दौरान शान्ति व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ सकते हैं।
इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए तथा आम जनजीवन एवं सार्वजनिक सम्पत्तियों की सुरक्षा करने व शन्ति व्यवस्था स्थापित रखने हेतु तत्काल प्रभाव से निरोधात्मक कार्रवाई किया जाना अपरिहार्य हो गया है। अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर केपी सिंह ने उक्त धार्मिक पर्वो एवं परीक्षाओं को दृष्टिगत रखते हुए कानून एंव शान्ति व्यवस्था बनाए रखने हेतु आगरा महानगर में 07 मार्च 2018 से 05 मई 2018 तक धारा 144 पांच से अधिक लोग न हों एक जगह एकत्रित उन्होंने बताया है कि इस अवधि में 5 या उससे अधिक व्यक्तियों का समूह बिना पूर्व अनुमति प्राप्त किए किसी सार्वजनिक स्थल पर एकत्रित नहीं होंगे,
किसी प्रकार का प्रदर्शन, कोई भी झांकी या जुलूस बिना अनुमति के नहीं निकालेंगे। यह निषेधाज्ञा बारातों एवं शव यात्राओं, धार्मिक एवं परम्परागत मेले पर लागू नहीं होगी। कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का अग्नेशस्त्र, लाठी, बल्लम व कोई अन्य खतरनाम हथियार या वस्तु लेकर नहीं चलेगा और नाही किसी को ऐसा करने को प्रेरित करेगा। अपर जिला मजिस्ट्रेट ने आदेशित किया है कि कोई भी व्यक्ति किसी स्थान पर ईट पत्थर, रोड़ा सोडावाटर की बोतल या अन्य कोई ऐसी वस्तु एकत्रित नहीं करेगा, जिसको चलाकर अथवा फेंक कर किसी को चोट पहुंचाई जा सके और न ही किसी को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेगा। लागू कर दी है।
[स्रोत- बब्लू चौहान]