उत्तर प्रदेश में उन्नाव रेप केस के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पुलिस ने जहां शिकंजा कसना शुरू कर दिया है तो वहीं डीजीपी बीजेपी विधायक को अभी तक इज्जत बख्शी रहे हैं और माननीय लगा कर संबोधित कर रहे हैं. बढ़ते दबाव के बीच आरोपी विधायक के खिलाफ गुरुवार को पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है. वहीं राज्य के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (गृह) अरविंद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केस को सीबीआई के हवाले किए जाने की जानकारी दी.
प्रेस वार्ता करते हुए डीजीपी ओमप्रकाश ने गैंगरेप के आरोपी विधायक को माननीय विधायक कहकर संबोधित करते हुए पत्रकारों के सवाल के जवाब दिए. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसमें अभी वह दोषी करार नहीं दिए गए हैं तो इस नाते माननीय कहना गलत नहीं है.
#WATCH UP DGP OP Singh addresses BJP MLA Kuldeep Singh Senger as 'Mananiye (honourable)', later clarifies after objection by journalists, 'there is no harm in giving respect to an MLA even if he is an accused, he is not guilty yet' pic.twitter.com/OEVmd4zvXF
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 12, 2018
प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घटना की शुरूआत से जानकारी देते हुए कहा कि पीड़िता की शिकायत पर जनपदीय पुलिस ने जांच शुरू की. 164 के बयान में पहले विधायक के नाम का उल्लेख नहीं किया गया था जिस कारण उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई 3 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता के साथ मारपीट की घटना हुई जिसके बाद उनकी मौत हो गई क्योंकि जिला चिकित्सालय कारागार के स्तर पर कुछ आरोप लगे और उनकी अलग-अलग जांच हुई.
Still so many questions are being raised on me, even after my father's murder. How will I get justice? CBI probe is fine but first MLA(#KuldeepSinghSengar) should be arrested as he will influence probe, I now fear for my uncle's(father's brother) life: #UnnaoCase victim pic.twitter.com/hPDqxAdWCA
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 12, 2018
एसीएमओ की कमेटी ने उपचार की छानबीन की जिसमें पता चला कि पता चला कि जेल में दाखिल होने से पहले समुचित चिकित्सकीय परीक्षण नहीं कराया गया और साथ ही जिला अस्पताल में भी उपचार के दौरान लापरवाही मिली. हालांकि जिला अस्पताल में उपचार के दौरान हुई लापरवाही के कारण जांच टीम सख्त नाराज दिखे जिससे CMS और उपचार अधिकारी को निलंबित कर दिया.
उन्होंने बताया कि चार जून की घटना के केस की विवेचना सीबीआई ट्रांसफर करेगी जबकि एसआइटी भी अपनी कार्रवाई करती रहेगी. डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि सीबीआई गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेगी कि विधायक को गिरफ्तार करना है या नहीं. उन्होंने कहा कि मुकदमे की विवेचना को सीबीआई को ट्रांसफर किया है. डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने कहा-विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को कोई बचा नहीं रहा है.