महात्मा गांधी के सपने स्वच्छ भारत को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाया गया स्वच्छ भारत अभियान आज एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। पर आज भी बहुत सी ऐसी जगह है, जहा तक इस आंदोलन की झलक नही दिखी है। आज एक ऐसी ही जगह की बात हम लोग करेगे। ये जगह है, चूरू जिले की इंद्रपुरा पंचायत का गांव भेरूसर।
चूरू-तारानगर मार्ग की मुख्य सड़क पर पड़ने वाले इस गांव की हालत देख कर हर कोई ये ही बोलता है, की लगता है, की स्वच्छ भारत अभियान के बारे में ना तो यहा के राजनीतिक प्रतिनिधि को पता है और ना ही यहा के प्रशासनिक मुख्या को पता है। तारानगर से चूरू मार्ग की मुख्य सड़क किनारे इस गांव में गोबर, कचरे के बड़े बड़े ढेर जमा हो रखे है। और यहा कोई एक जगह नही है, जहा ये गोबर, कचरे के ढेर लगे हो।
इस मुख्य सड़क की जितनी दुरी गांव के अंदर से है, लगभग उतनी सड़क के किनारे ये गोबर के ढेर लगे हुए है। और बड़ी बात ये है, की आज तक चूरू से तारानगर दौरे पर आने वाले तमाम प्रशासनिक मुख्याओ और राजनेताओं को इसी मार्ग से आना पड़ता है, और इन्ही गोबर, कचरे के बीच से उनकी गाड़िया गुजरती है, परंतु उन्हें सड़क के किनार लगे हुए ये बड़े बड़े गोबर और कचरे के ढेर दिखाई नही देते है।
और उसी का नतीजा है, की आज भी इस सड़क के किनारे ये गोबर और कचरे के बड़े बड़े ढेर लगे हुए है। ग्रामीणों से बातचीत के दौरान एक ग्रामीण ने बताया कि ये ढेर बहुत दिनों से यहा ऐसे ही लगे पड़े है। ना तो यहा गोबर डालने से कोई रोकता है, और ना ही लोग अपनी मर्ज़ी से यहा गोबर डालना बंद करते है।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]