चीन से डोकलाम विवाद खत्म होकर अभी हिंदुस्तान ने चैन की सांस ली ही थी, की भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत का देश को हिला देने वाला बयान आया है। दिल्ली में एक सेमिनार में सेना प्रमुख ने पूरे राष्ट्र को चेताया है कि सिर्फ सेना को ही नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र को चीन और पाकिस्तान से एक साथ युद्ध करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होनें चेतावनी देते हुए कहा कि हिंदुस्तान के दोनों फ्रंट पर एक साथ युद्ध की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
हर संभावना के लिए तैयार रहें:
भारतीय सेना के सेनाध्यक्ष ने सेमिनार में बोलते हुए याद दिलाया की हमें चीन की दोमुखी चाल को नहीं भूलना चाहिए जिसके तहत उसने डोकलाम विवाद के चलते सेना के लड़ने से पहले ही साइबर, मीडिया, सायकोलोजिकल और इन्फो लड़ाई शुरू कर दी थी। उनका मानना है कि यद्यपि यह लड़ाई सीधे युद्ध में नहीं बदली फिर भी हमें हर संभावना के लिए तैयार रहना चाहिए। यह सब जानते हैं कि हम दो तरफ से दुश्मनों से घिरे हुए हैं।
राष्ट्र भी युद्ध लड़ता है:
जनरल बिपिन रावत ने कहा कि यह कहना कोई सही नहीं है कि युद्ध केवल सेनाएँ ही लड़ती हैं। क्योंकि अब यह बिलकुल भी ज़रूरी नहीं रह गया है कि युद्ध केवल दो सेनाओं के बीच ही लड़ा जाए। अभी हाल के डोकलाम विवाद में हम देख चुके हैं की किस प्रकार चीन ने सीधे लड़ाई न लड़कर इसे लोगों की सायकोलोजिकल के साथ शुरू कर दिया था। इससे पता चलता है कि युद्ध सेना के लोग ही नहीं बल्कि सीमा से दूर राष्ट्र का आम आदमी भी लड़ता है।
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तीनों सेनाएँ एक हों:
भारतीय सेनाध्यक्ष ने कहा कि भारत की तीनों सेनाओं का एकीकरण हो जाना चाहिए। उन्होने चीन का उदाहरण देते हुआ कहा की पिछले साल ही चीन ने अपनी सेनाओं का एकीकरण करके थियेटर कमान बना दी है।
पाकिस्तान की गहरी चाल :
पाकिस्तान की पौलिसी का जिक्र करते हुए जनरल ने कहा कि वो हमेशा से भारत की यान चीन सीमा पर चल रहे तनाव का फायदा उठाना चाह रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान की गहरी चाल का खुलासा करते हुए बिपिन रावत ने कहा कि पाकिस्तान की नीति छद्म युद्ध करने की रही है और इसी के तहत उसने पाकिस्तानी सेना, राजनीति और सामान्य लोगों के मन में भारत के खिलाफ यह भावना भर दी है की भारत पाकिस्तान के टुकड़े कर देगा। उन्होनें आगे कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि भारत कब तक इस प्रोक्सी वार को सहन कर सकता है। इसलिए पाकिस्तान से युद्ध की संभावना हमेशा बनी रहती है। उन्होनें इस पुरानी कहावत को एक भ्रम बताया कि पड़ोसियों में युद्ध नहीं होता है। वो आगे कहते हैं की जंग सच्चाई से ज्यादा दूर नहीं है।
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चीन की घुसपैठ:
हाल के डोकलाम विवाद पर बोलते हुए जनरल रावत ने कहा कि चीन ने अपनी चाल चलनी शुरू कर दी है। उनका मानना है कि चीन भविष्य में भी इसी प्रकार की घुसपैठ की कोशिश कर सकता है। चीन इसके अलावा नए इलाकों पर भी धीरे-धीरे कब्जा करने की कोशिश करके हमारी सीमाओं और सेना क्षमता की परीक्षा ले सकता है। इसके लिए हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए।
गौर करने वाली बात यह है कि सेना प्रमुख की यह चेतावनी उस समय आई है जब भारतीय प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति मिलकर सीमा विवादों को पंचशील के सिद्धांतों के अनुसार हल करने की घोषणा कर रहे हैं। चीन के राहतर्पति तो दोनों देशों को सही रास्तों पर चलने का सुझाव भी देते दिखाई दिये हैं।