बारिश के मौसम में आंखों के संक्रमण से कैंसे बचें

आंखों में संक्रमण (कंजक्टिवाइटिस) बरसात के मौसम में अधिक तेजी से फैलता है। इन दिनों आंखों के साथ थोड़ी सी भी लापरवाही संक्रमण बढ़ने की वजह बन सकती है। नेत्र रोग विशेषज्ञों के पास भी बरसात के मौसम में आंखों के संक्रमण से ग्रसित लोगों की संख्या बढ़ने लगती है। संक्रमण होने पर आंखों में जलन, रेडनेस, दर्द तथा आंखों से लगातार पानी आना, आंख में कुछ रेतीला सा महसूस होना संक्रमण के मुख्य लक्षण होते हैं। आंखों के संक्रमण पर सही समय पर ध्यान नहीं दिया जाए तो यह आंखों के लिए अधिक घातक हो सकता है क्योंकि संक्रमण का कीटाणु लगभग 7 दिनों तक अपना असर दिखाता है।Eye Infection

आंखों का संक्रमण होने पर रोगी बेचैनी महसूस करता है, उसे हर समय आंखों में भारीपन नजर आता है। कंजक्टिवाइटिस से आंखों की दृष्टि को कोई क्षति तो नहीं पहुंचती परंतु यह संक्रमण रोगी के लिए अनेक परेशानियों की वजह बन सकता है।

कंजक्टिवाइटिस के लक्षण

जिस व्यक्ति को आंखों का संक्रमण होता है उसे आंखों में जलन तथा हल्का दर्द भी महसूस हो सकता है, साथ ही पलकों के झपकने पर आंखों के अंदर कुछ रेेतीला होने का एहसास होता है। इस संक्रमण में आंखों से लगातार पानी आता रहता है, साथ ही सो कर उठने पर आंखें भारी व चिपचिपी हो जाती हैं। धूप या बाहर निकलने पर असहज की स्थिति महसूस होती है।

[ये भी पढ़ें: मानसून में होने वाली खतरनाक बीमारियों से कैसे बचा जाये]

संक्रमण फैलने के कारण

बरसात के मौसम में अधिक नमी और आद्रता के कारण यह संक्रमण फैलता है। चारों तरफ मच्छरों और बरसाती कीड़ों का प्रकोप बढ़ जाता है, अधिक नमी के कारण कीटाणुओं की संख्या अधिक बढ़ जाती है। यह संक्रमण एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बहुत जल्दी फैलता है तथा संक्रमित व्यक्ति की वस्तुओं जैसे रुमाल, तौलिया या फोन रिसीवर आदि वस्तुओं के इस्तेमाल से भी फैलता है।

[ये भी पढ़ें : जानिए कैसे आप पूजा ही नहीं बीमारियों में भी उपयोग कर सकते है तुलसी]

संक्रमण से बचाव

कंजक्टिवाइटिस होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के किसी आई ड्राप का प्रयोग नहीं करना चाहिए। डॉक्टर की सलाह के बिना आई ड्राप प्रयोग करने पर कॉर्निया में गंभीर संक्रमण फैल सकता है तथा कॉर्निया का अल्सर भी हो सकता है। घर पर जलन शांत करने के लिए बर्फ की सिकाई की जा सकती है वह भी डॉक्टर की सलाह से। रोगी की आंखें अगर चिपक रही है तो आंखों के किनारे को गुनगुने पानी में कॉटन बॉल भिगोकर आंखों को साफ किया जा सकता है। संक्रमण की स्थिति में संक्रमित व्यक्ति का तौलिया रुमाल या आंखों का चश्मे आदि इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, साथ ही धूल मिट्टी और धूप से बचकर रहना चाहिए। बरसात के मौसम में बाहर निकलने से पहले धूप का चश्मा अवश्य पहन लेना चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.