फिर भी

आस्था की राह में आतंकवाद का परचम कब तक बनकर फेहरेगा

Terrorism in the Path of Faith

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में एक बार फिर भोले के भक्तों की बस पर आतंकी हमला हुआ है । इस हमले में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। ये हमला आज रात करीब 8.20 बजे हुआ। हमले में 7 श्रद्धालु जख्मी हुए हैं जिन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिली जानकारी के अनुसार 2 हमलावर बाइक पर आए थे.जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया।

यह हमला पहला नहीं है जो खबर की तरह सामने आई है। यह हर साल की बात हो गई है कि अमरनाथ की यात्रा  पर आतंकी हमला हुआ है बल्कि अब तो यह हाल था कि अगर इस तरह खबर नहीं आए तों  आश्चर्य की बात होती । पर इस बार कुछ अलग था । इस बार स्वंय गृहमंत्री ने एनएसजी के गार्ड इस यात्रा में यात्रि. की सुरक्षा के लिए भेजे थे । पर इस बार भी भोले को मंजूर नही था कि उसके भक्त  उसके अच्छें से दर्शन कर ले । इस बार भी वहीं हुआ, जो होता आया जो उसके दर्य़न करने से पहले ही असके पास चले गए। पर यह हमला जरुर दर्शाता है कि भारत सरकार की सुरश्रा अमरनाथ यात्रियों को लेकर कितनी संजीदा है।

भले ही उन्होंने इस हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. एहतियात के तौर पर जम्मू-श्रीनगर हाईवे को भी बंद कर दिया गया है। पर उन जानों को क्या जो घर से चले जटाशंकर के दर्शनों के लिए और अब खुद ही उनके समीप अपने परिवार को छोड़ कर चले गए है।

गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमलों को लेकर कई लेवल में सुरक्षा की व्यवस्था की गई होती है। एक-एक यात्री को सुरक्षा सुनिश्चित करने के दावे किए जाते है ,फिर भी हुए इस आतंकी हमलें ने श्रद्धालुओं निसाना कैसे बनाया । सह सवाल  भारत सरकार से पूछे की क्या अगर आस्था को टारगेट करके आतंकी बेगुनाहों की जान लेंगे जों कैसे कोई इस धर्मनिरपेक्ष देश में अपने इश के दर्शन कैसे करने जाएगा।

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में एक बार फिर भोले के भक्तों की बस पर आतंकी हमला हुआ है । इस हमले में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। ये हमला आज रात करीब 8.20 बजे हुआ। हमले में 7 श्रद्धालु जख्मी हुए हैं जिन्हें पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिली जानकारी के अनुसार 2 हमलावर बाइक पर आए थे.जिन्होंने इस हमले को अंजाम दिया।

यह हमला पहला नहीं है जो खबर की तरह सामने आई है। यह हर साल की बात हो गई है कि अमरनाथ की यात्रा  पर आतंकी हमला हुआ है बल्कि अब तो यह हाल था कि अगर इस तरह खबर नहीं आए तों  आश्चर्य की बात होती । पर इस बार कुछ अलग था । इस बार स्वंय गृहमंत्री ने एनएसजी के गार्ड इस यात्रा में यात्रि. की सुरक्षा के लिए भेजे थे । पर इस बार भी भोले को मंजूर नही था कि उसके भक्त  उसके अच्छें से दर्शन कर ले । इस बार भी वहीं हुआ, जो होता आया जो उसके दर्य़न करने से पहले ही असके पास चले गए। पर यह हमला जरुर दर्शाता है कि भारत सरकार की सुरश्रा अमरनाथ यात्रियों को लेकर कितनी संजीदा है।

[ये भी पढ़ें : आतंकी हमला: कश्मीर के बांदीपुरा में सेना के 4 जवान घायल पुंछ में पाकिस्तान ने किया सीजफायर का उल्लंघन]

भले ही उन्होंने इस हमले के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. एहतियात के तौर पर जम्मू-श्रीनगर हाईवे को भी बंद कर दिया गया है। पर उन जानों को क्या जो घर से चले जटाशंकर के दर्शनों के लिए और अब खुद ही उनके समीप अपने परिवार को छोड़ कर चले गए है।

गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमलों को लेकर कई लेवल में सुरक्षा की व्यवस्था की गई होती है। एक-एक यात्री को सुरक्षा सुनिश्चित करने के दावे किए जाते है ,फिर भी हुए इस आतंकी हमलें ने श्रद्धालुओं निसाना कैसे बनाया । सह सवाल  भारत सरकार से पूछे की क्या अगर आस्था को टारगेट करके आतंकी बेगुनाहों की जान लेंगे जों कैसे कोई इस धर्मनिरपेक्ष देश में अपने इश के दर्शन कैसे करने जाएगा।

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