भगवाधारियों पर 307 लगाने पर पुलिस अधिकारियों की बढ़ सकती है मुसीबतें

आगरा किले के सामने हनुमान मंदिर में दशहरा पर शस्त्र पूजन के अवसर पर फाइरिगं करने पर भगवाधारी पुलिस केस में फस गये है. उन पर धारा 307 लगा दी गयी है मुकदमे में फंसे लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. वे लोग वरिष्ठ अधिवक्ताओं के संपर्क में हैं. वकीलों का भी मानना है कि पुलिस ने धारा 307 आरोपित करके गलत कदम उठाया है. कोर्ट में पुलिस को इसका जबाव देना भारी पड सकता है. इधर पुलिस वीडियो फुटेज के जरिये लोगों की तलाश में लगी हुई है.firingदशहरा पर्व पर भगवाधरियों ने आगरा किले के सामने हनुमान मंदिर पर शस्त्र पूजा कार्यक्रम किया था. इस दौरान पूजन होने के बाद प्रत्कात्मक तौर पर हवाई फाइरिगं की गई थी. इसका वीडियो शोशल मिडिया पर वाइरल होने के बाद एस.एस.पी अमित पाठक ने मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश रकाव गंज इंस्पेक्टर सजीव तोमर को दिया था. पुलिस ने 29 लोगो को नामजद और 40 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

इसमे धारा 307 भी लगाई गई है. विहिप के उपाध्यछ सुनील पारासर का कहना है कि यह कार्यवाही गलत है, जानबूझ कर मुकदमा दर्ज कराया गया है. परम्परागत रुप से वर्षो से यह कार्यक्रम मंदिर परिषर मे होता चला आ रहा है. इसे लेकर कल एक बडे स्तर पर हिन्दूवादी संगठनों की बैठक हुई.

इधर लेगों भी पुलिस कार्यवाही को गलत ठहरा रहे है, उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ता निंशान्त अग्रवाल का कहना है कि शस्त्र दुरुपुयोग का मामला तो बनता है पर 307 लगाना गलत है. फाइरिगं हबाई थी और इसमें किसी को टारगेट नहीं किया गया था. पुलिस को दफा 25 में कार्रवाही करनी चाहिए थी . यदि पुलिस को लगता है कि शस्त्रों का दुरुपयोग किया गया है तो शस्त्र लाइसेंस जप्त किया जा सकता है.

वकील सुरेश चन्द्र सोनी का कहना है कि भगवाधारियों का मकसद किसी को टारगेट करना नही था. मंदिर परिसर पूजन के बाद हवाई फइरिंग हुई. धारा 307 उस स्थिति में लगती है, जब किसी को टारगेट करके या फिर सीधे फइरिंग की गई हो.

[स्रोत- बब्लू चौहान]

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