जगद्गुरु श्री राधा सर्वेश्वर शरण देवाचार्य श्री “श्रीजी” महाराज के पुण्य स्मृति महोत्सव द्वितीय दिवस पर आयोजित श्रीमद् भागवत कथा

28 दिसंबर को सलेमाबाद मे जगद्गुरु श्री राधा सर्वेश्वर शरण देवाचार्य श्री “श्रीजी” महाराज के पुण्य स्मृति महोत्सव के द्वितीय दिवस पर श्रीमद् भागवत कथा, संस्कृत संस्कृति सम्मेलन एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया।Salemabad Shree mad Bhagwat kathaभागवत महापुराण है भक्ति का शास्त्र, निंबार्क पीठ में चल रहे कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पर जगद्गुरु रामानुजाचार्य वासुदेव आचार्य महाराज ने कहा कि भागवत महापुराण व्यक्ति को मृत्यु के डर से मुफ्त करता है और उन्होंने भक्ति की चर्चा करते हुए कहा कि भागवत महापुराण भक्ति का एकमात्र शास्त्र है जो कि भगवान की भक्ति करना वेदो का अंतिम सिद्धांत रहा है।Salemabad Shree mad Bhagwat kathaमहाराज ने कहा कि भारत में विचारों को थोपा नहीं जाता है बल्कि अपने दृष्टिकोण से विचार एवं दर्शन को स्थापित किया जाता है। भागवत श्रवण की पात्रता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिस ने दीक्षा ली है वही भागवत कथा श्रवण का अधिकारी होता है। तथा साथ ही में जगतगुरु ने उत्तानपाद की कथा में ध्रुव चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि सुनीती के कारण ही ध्रुव जैसे भक्त भूमि पर अवतरित हुए। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े तथा रात में भजन संध्या का कार्यक्रम किया गया। जो बहुत ही रोचक पूर्ण था एवं श्रद्धालुओं के लिए उत्तम ठहरने हुए भोजन की व्यवस्था की गई।Salemabad Shree mad Bhagwat katha(जगद्गुरु श्रीनिम्बार्काचार्य श्रीराधासर्वेश्वरशरण देवाचार्य श्री “श्रीजी” महाराज के भगवत् साहचर्य प्राप्ति की पुण्य स्मृति महोत्सव के अवसर पर सतरंगी छटाओं से सुसज्जित श्रीनिम्बार्क सरोवर के दिव्य दर्शन जो आप को मंत्रमुग्ध कर देंगे।

[स्रोत- धर्मी चंद]

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