मुंबई डिब्बेवालों का मुंबई रोटी बैंक अब पूरे भारत में फैलने को तैयार

बचे भोजन की जगह कोई कचरा बॉक्स नहीं बल्कि किसी भूखे का पेट हैं. हम आप बहुत सारा भोजन बर्बाद करते हैं लेकिन उसी बचे भोजन से किसी एक भूखे का पेट भर सकता हैं. इसी सोच के साथ मुंबई के डिब्बेवालों द्वारा यह विचार प्रस्तुत किया गया. दुनिया की कुल आबादी में से 11 प्रतिशत आबादी भूख कि समस्या से लड़ रहीं हैं. भारत में भूखे लोगों की संख्या लगभग 19.50 करोड़ के क़रीब है. यह एक बड़ी संख्या है, भारत में, हर दिन 3,000 बच्चे कुपोषण से मरते हैं.Mumbai Roti BAnk[Image Source: RotiBankIndia]

मुंबई की स्थिति इससे अलग नहीं है यहाँ बड़ी-बड़ी पार्टियां, विवाह समारोह आयोजित किए जाते हैं इसमें अतिरिक्त भोजन बड़ी मात्रा में तैयार किया जाता है. पार्टी खत्म होते ही बचे हुऐ भोजन को कचरे जे डिब्बे में फेंका जाता है तों दूसरी ओर फुटपाथ पर भूखे सोने वालों की संख्या कई ज़्यादा हैं. कुछ जगहों पर, गरीब अनाथ बच्चों को भोजन कचरे से बिन बिनकर खाना होता हैं.

इस स्थिति को बदलने के लिए, सुभाष तळेकर और उनके सहयोगियों ने रोटी बैंक का गठन किया. इस में, उन्होंने मुंबई के लोगों से अपील की हैं कि अतिरिक्त बचे भोजन को फेंकने बजाय आप उसके लिये डिब्बेवालों को फोन करे, फिर हमारे डिब्बेवालें साइकिल से आपके पास आकर अपका अतिरिक्त भोजन लें के गरिब भूखे लोँगो में बाँट देंगे इसके लिये दो सौ से जादा डिब्बेवालें खुद से ये काम कर रहे हैं.

सुभाष तळेकर ने कहा कि हमें दैनिक 20 से 25 फोन आते हैं, जबकि शनिवार और रविवार के दिन, 40 से 50 के आसपास फोन आते हैं. उन्हें मिला हुआ भोजन वो 300 से 600 भूखे लोगों में बाँट दिया जाता हैं. इसमें समस्या यह थी कि वह लोग साइकिल से 4 से 5 लोगों का खाना ही ला सकते हैं लेकिन 20 से 25 लोगों का खाना लाने के लिये उन्हें अपने जेब से खर्च करना पड़ता था इसी समस्या को देखते हुए महाराष्ट्र के पूर्व महानिदेशक शिवानंदन साहब ने उन्हें एक गाड़ी (फोर व्हीलर) दे दी जिससे कि रोटी बँक का काम आसान हो जाए और समाज सेवा में उनके हाथोँ से भी कुछ सेवा हो और उसका सारा खर्च भी उन्होंने उठाया. पहली गाड़ी दक्षिण मुंबई में है और आगे ये सेवा मुंबई के उपनगरों में भी होगी.

इनमें से पहली गाडी को लोअर परेल स्टेशन के बाहर 23 दिसंबर को शनिवार की सुबह 11:30 बजे महाराष्ट्र के पूर्व महानिदेशक शिवानंदनजी के हाथो से रोटी बैंक का अनावरण किया गया. यह सब काम शिवानंदन साहब के मार्गदर्शन में होगा इसके लिए रोटी बैंक ने 24 घंटे का 8655580001 हेल्पलाइन नंबर प्रदान किया हैं. अगर भी बचे खाने को बेकार नहीं होने देना चाहते तो इस नंबर पर संपर्क करें.

रोटी बैंक के दो स्वयंसेवकों और हेल्पलाइन के साथ-साथ कॉर्पोरेट संस्थानों के बीच साझेदारी की पूरी जिम्मेदारी लंदन के नितिन खानापुरकर ने ली और मुंबई रोटी बैंक को पूरे देश में बढ़ाने के लिए, मुंबई रोटी बैंक, कि स्वतंत्र संस्था संगठन कर इसका प्रसार किया जाएगा.

आपके घर में शादी या समारोह का आयोजन होता है अगर वहाँ भोजन बचा हैं तो मुंबई के रोटी बैंक हेल्पलाइन नंबर 8655580001 से संपर्क करें या www.rotibankindia.org वेबसाइट पर जाएं.

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