27 दिसंबर 2017 को तहसील के शिक्षक, किसान, मजदूर, विद्यार्थियों और कर्मचारी संगठनों द्वारा राज्य सरकार द्वारा चिकित्सा के बाद सरकारी विद्यालयों को PPP मॉडल के नाम पर निजीकरण में देने के विरोध में विरोध स्वरूप तहसील कार्यालय के आगे धरना देकर आम सभा की गई। जिसके पश्चात सभी लोग शहर की गलियों से जुलूस निकलते हुए उप खंड कार्यालय पर पहुंचे और जोरदार नारेबाजी के साथ विरोध प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारी इंद्राजसिंह काजला को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
हम आपको बताते चले की राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग की सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) नीति-2017 को मंजूरी दी थी। परन्तु इस मॉडल का विरोध पुरे राजस्थान में हो रहा है। लोगो के द्वारा सरकार पर आरोप है,की ये PPP मॉडल के तहत शिक्षा का निजीकरण किया जा रहा है। सरकार के द्वारा उठाया ये कदम ठीक नही है।
इस अवसर पर आयोजित सभा को राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेशाध्यक्ष रामस्वरूप जी सहारण, CPIM जिला सचिव निर्मल कुमार, शिक्षक नेता जीतराम जांदू, हेतराम भाकर आदि ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर शिक्षक नेता सुमेर सिंह, विनोद कस्वां, किसान सभा के जिलाउपाध्यक्ष दाताराम भाकर, चिमनाराम पांडर, पूर्णाराम सरावग, रामजीलाल कुलड़िया, भोजराज महला, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अजित सहारण, हरलाल गोदारा तथा आनंद सिंहपुरा गांव के ग्रमीणों सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित थे।
[स्रोत-विनोद रुलानिया]