भिलाई : भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन द्वारा सांविधिक प्रावधानों का उल्लंघन कर बनाई गई सुरक्षा समितियों के विरोध में श्रमिक संगठन सीटू ने शुक्रवार को सभी 26 फैक्ट्री प्रबंधन को एक साथ विरोध पत्र दिया ।
ज्ञात हो कि अधीशासी निदेशक (संकार्य) द्वारा 15 फरवरी 2018 को, एकतरफा 26 फैक्ट्रियों के लिए सुरक्षा समितियों की सूची जारी कर दी गयी थी, किन्तु विधिवत तरीके से इसकी घोषणा नहीं की जा रही थी ।
विगत दो तीन दिनों से अलग अलग फैक्टरियों के पंजीकृत प्रबंधक (ऐसे अधिकारी जिनका नाम फैक्ट्री इन्पेक्टर के पास फैक्ट्री मनेजेर के रूप में पंजीकृत हैं) सुरक्षा समितियों में शामिल किये गए कर्मियों को बुला बुला कर बता रहें हैं कि, उनका नाम सुरक्षा समितियों में हैं ।
रचनात्मक योगदान के साथ कड़ा विरोध जारी रहेगा –
विरोध पत्र देने के पश्चात यूनियन की ओर से यह स्पष्ट किया गया कि यूनियन सुरक्षा से जुड़े हुए सभी कार्यों में अपना रचनात्मक योगदान देता रहेगा, किंतु सांविधिक प्रावधानों का उल्लंघन कर बनाए गए सुरक्षा समितियों का कड़ा विरोध हर स्तर पर निरंतर जारी रहेगा ।
विधिक प्रावधानों का हुआ है उल्लंघन –
सुरक्षा समिति में कर्मियों के प्रतिनिधियों के नाम प्रबंधन द्वारा तय किए गए हैं, जो कारखाना अधिनियम 1948 सपठित छत्तीसगढ़ कारखाना नियम 1962 के नियम 73 का उल्लंघन है । सुरक्षा समिति में प्रबंधन के प्रतिनिधियों की संख्या कर्मचारियों की प्रतिनिधियों की संख्या से अधिक है, जो कारखाना अधिनियम 1948 की धारा 41 G (1) का उल्लंघन है ।
रविवार को होने वाले भोज में नहीं होंगे शामिल –
यूनियन द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रबंधन ने बड़े ही हल्के ढंग से राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल की स्थापना दिवस को मनाने के नाम पर भिलाई होटल में भोजन का आयोजन किया है । यूनियन का कहना है कि यदि सुरक्षा से जुड़ा कोई कार्यक्रम है तो उसका आयोजन संयंत्र के अंदर होना चाहिए और उसकी पूरी जानकारी कर्मियों के प्रतिनिदियों को दी जानी चाहिए ।
किंतु प्रबंधन ने पूरे कार्यक्रम की कोई रूपरेखा बताए बगैर नवनियुक्त सुरक्षा समिति के सदस्यों को शनिवार सुबह से सूचना देना शुरू किया गौर करने की बात यह है कि, इस आयोजन की अपेक्स सुरक्षा समिति के सदस्यों को कोई जानकारी नहीं है ।
[स्रोत- घनश्याम जी.बैरागी]