सावधानी ही बचाव

राजधानी मे बरसात के आते ही लोगों मे बीमरियो का खतरा भी मंडराने लगता है. बरसात अपने साथ कई बीमारियो को जन्म देती है. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया ये सभी बीमारिया मुख्य रूप से आक्रामक हो जाती है. डेंगू बरसात के मौसम मे ही अपना प्रभाव दिखाता है. बच्चे हो या बड़े हर कोई इस बीमारी की चपेट में आ जाता हैं और बड़ी संख्या में अस्पतालो मे डेंगू के मरीज भी बड़ जाते हैं.

dengu

हाल ही मे दिल्ली मे डेंगू के 130 से भी ज्यादा मामले विभिन्न अस्पतालो मे दर्ज किए जा चुके है. कई मरीजो की मौत भी हो चुकी है. इसलिए दिल्ली सरकार और नगर निगम दोनो को मिलकर इस बीमारी के दूसरो तक न पहुँचने के लिए रोकथाम करनी होगी. इस बार बारिश के बेमौसम आ-जाने से डेंगू के मरीजो मे बढ़ोत्तरी हुई है. मच्छरजनित बीमारियो से बचने के लिए दक्षिणी नगर निगम ने कर्मचारियो को आदेश दिया है कि वे सप्ताह मे एक बार हर घर की चैकिंग के लिए जाए और किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतें.

[ये भी पढ़ें : R.O वॉटर के रुप में कहीं आप जहर तो नहीं पी रहे]

अगर हम बीते साल डेंगू से हुई मौतो को टटोले तो हमे स्थिति बेहद ही गंभीर नजर आएगी. साल 2015 और 2016 मे दिल्ली सरकार और नगर निगमो दोनो की लापरवाही से कई मौते हुई. सरकार की डेंगू के प्रति कड़ी लापरवाही हर साल ऐसी परिस्थितियो को जन्म देती है. लेकिन इस साल दिल्ली सरकार को इसके लिए पहले से ही सख्त कदम उठाने होगे.

पिछले साल जैसी स्थिति वापस से राजधानी मे न दोहराई जाए क्योकि डेंगू से पिछले साल सबसे ज्यादा मौते दिल्ली मे ही हुई थी. यह सरकार की एक मुख्य भूमिका है. इसका मतलब यह निकाले कि आपातकाल की स्थिति मे ही जनता को पता चलता है कि सरकार ने ऐसी परिस्थति से निपटने के लिए कौन-कौन से सहायक कदम उठाए है.

[उपचार: अब नमक की मदद से करें कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का इलाज]

साथ ही हर व्यक्ति को इससे बचने के लिए अपनी तरफ से उपाय खोजने चाहिए. लोगों को मुख्यतः वही उपायो को करना चाहिए जिसके संसाधन उसके पास मौजूद है जैसे घर के आस-पास पानी न जमने देना, रोज घर को कीटनाशक दवाई से धोना-छिड़कना, घर से बाहर निकलते वक्त अपने को कपड़े द्रारा ढंग से ढ़कना आदि. साथ ही लोग अपने आस-पास सफाई रखे. इन सभी कारणो के द्रारा आप भी अपना बचाव खुद कर सकते है और डेंगू के बढ़ते प्रकोप को कम कर सकते है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.