शिवहर जिले के नरकटिया में दिखा बाढ़ से तबाही का मंजर

शिवहर : जिले के पिपराही प्रखंड के अंतर्गत नरकटिया गांव में बागमती नदी की विनाशकारी जलधारा ने सबसे अधिक क्षति पहुंचाई हैं । क्योंकि जिस जगह से बागमती नदी ने बर्बादी की यात्रा शुरू की उसी जगह पर नरकटिया गांव अपना सीना ताने अवस्थित है । नरकटिया ग्रामवासी अपने उपर बाढ़ की विभीषिका को झेल कर दूसरे गांव को बर्बाद होने से बचा लिया । bihar ke narkatiya me badhदर्जनों ध्वस्त कच्चे-पक्के मकान,उजड़ी हुई खेत, टूटी-फूटी सड़कें, उखड़े हुए विशाल वृक्ष, गिरे हुए बिजली के खंभें, भूख से रोते-बिलखते बच्चें ये सारे दृश्य तबाही के उस भयावह मंजर को बयां कर रही हैं । जो नरकटिया ग्रामवासियों के लिए काल बन कर आया था

1993 में बागमती ने मचाई थी ऐसी तबाहीNArkatiya me badhगांव के बुज़ुर्गों के अनुसार ऐसी तबाही 1993 में मची थी जो 2017 में एकबार फिर से ताजा हो गई । फिर भी न्यूज की टीम जब नरकटिया पहुंची तो ग्रामीणों ने जो अपनी-अपनी आपबीती सुनाई वह बेहद दर्दनाक और रूह कांपा देने वाली थी ग्रामीणों के अनुसार उपर वाले की दया से हमलोग सुरक्षित हैं अन्यथा पूरा गांव काल के गाल में समा गया होता । ग्रामीणों के इस कथन से सहज अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि किस तरह से इस क्षेत्र में बाढ़ ने अपना तांडव मचाया ।

ग्रामीण अपने भविष्य के प्रति चिंतित दिखेShivahr KE narkatiya me badhग्रामीणों के अनुसार उनका सब कुछ तबाह हो गया हैं खुले आकाश के तले जीवन व्यतीत करने के लिए बाध्य हैं । कठिन मेहनत की कमाई से जो आशियाना बनाया था वह बर्बाद हो गया है । कर्ज लेकर जो फसल लगाया वह भी नष्ट हो गया है। किसानों का कहना था कि अन्नदाता आज खुद दाने-दाने को मोहताज है समझ में नहीं आ रहा है कि आगे गुजर-बसर कैसे होगी ? क्योंकि अभी तो कुछ दिन सरकारी मदद एवं जन सहयोग से गुजर-बसर कर लेंगे लेकिन हम सभी का भविष्य अंधकारमय लग रहा हैं।

फिर भी न्यूज आप सभी जिलावासियों से अपील करता है कि आप के अपने संकट में है इसलिए उनकी मदद के लिए आगे आएं ।

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