शबे-बारात की शाम रोशनियों से नहाया पूरा क्षेत्र

किशनगंज, दिघलबैंक:- इलाके में बीती शाम पूरे जोशो-खरोश से शबे बारात मनाया गया। लोगो ने अपने अपने घरों व मस्जिदों को मोमबत्तियों की रोशनी से डूबोया था। घरों के दरवाजे, खलिहानों, व अंदरूनी भागो में सलीके से मोमबत्तियों को जलाया गया था।

शबे-बारात की शाम रोशनियों से नहाया पूरा क्षेत्र

मोमबत्तियों से निकली रोशनी घर के सभी कोनों को प्रकाशित कर रहा था। बच्चे मिठाई खाने में व्यस्त दिखे। तो वही महिलाओं ने भी नगमे गा कर रात में चार चांद लगाने का काम किया। बताते चलें इस्लामी कैलेंडर के अनुसार यह रात साल में एक बार शाबान महीने की 14 तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है।

मुसलमानों के लिए यह रात बेहद फज़ीलत (महिमा) की रात मानी जाती है। इस दिन विश्व के सारे मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं। वे दुआएं मांगते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं। इस शाम सभी नए कपड़े पहनकर इत्र लगाना बेहद खास रहता है।

शबे-बारात की शाम रोशनियों से नहाया पूरा क्षेत्र

इस दरम्यान दिघलबैंक जामा मस्जिद के इमाम शमीम अहमद ने कहा कि इस दिन लोग मकानों की सफ़ाई, बर्तनों की धुलाई, तथा नये-नये कपडों को पहनते हैं, औरतें तरह-तरह के पकवान मसलन हलवा, पूडी, मसूर की दाल पकाती और नगमें गा-गा कर रात भर जागती हैं।

इस मौके पर दिघलबैंक पूर्व प्रमुख नादिर आलम ने सभी क्षेत्र वासियों को शबे बारात की शुभकामनाएं दी। साथ ही कहा यह पर्व बड़े ही अकीदत से मनाया जाता है। इस दौरान नातिक, अज़हर निशात, खालिद, इरफान, सहनशाह, वकील, व अन्य लोग मस्जिद में मोमबत्तियों को जलाकर जगमग हुए मस्जिद को और भी रोशन करते दिखे। मस्जिद में बच्चे, बड़े, बूढ़े सभी ने एक दूसरों को मुबारकबाद देते हुए साथ बैठकर घरों से आये पकवान व मिठाइयों को चखा।

[स्रोत- निर्मल कुमार]

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