दो नाबालिग उपले बनाने के लिए तालाब के पास गोबर लाने के लिये गई नथी. लेकिन टोकरी में क्षमता से ज्यादा गोबर भर जाने के कारण वह उसे उठा नही पा रही थे. जिस्से उन्होने एक व्यक्ति की मदद मांगी किंतु उसने उन दोनो की मदद करने के बजाय उनके साथ असभ्य बर्ताव किया.
इस मामले में पिडीत की मां की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओ के तहत अपराध दर्ज कर दोषारोप पत्र न्यायालय में पेश किया. दोनो पक्षों की दलिल सुनने के पश्चात न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी मानते हुए अलग – अलग धाराओ में तीन – तीन साल कि सश्रम कारावास तथा 5-5 हजार रुपये जुर्माना अदा करने के आदेश दिये. न्यायलयीन सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार चान्नी पुलिस थानें में एक 6 वर्ष की नाबालिग की मां ने शिकायत दर्ज कराई थी.
जिसमे कहा गया था कि उनकी बेटी तथा उसके पडौस में रहेने वाली 4 वर्षिय लडकी उपले बनाने के लिये इस्तेमाल होने वाला गोबर लाने के लिए ग्राम उमरा के पास स्थित तलाब पर गोबर लाने के लिये गई थी गोबर की टोकरी में अधिक प्रमाण में गोबर भर जाने के कारण वह उठा नही पा रही थी. जिससे उनहोने वहा से गुजर रहे ग्राम उमरा के सुभाष नामदेव पवार से मदद की गुहार लगाई.
नाबालिगो कि सहायता करने की बजाय आरोपी ने उन्हें अकेली देखकर अश्लील हरकते करने लगा. जिससे नाबालिग चिल्लाने लगी इससे घबरा कर वह घटना स्थल से फरार हो गया इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी सुभाष नामदेव पवार के खिलाफ विभिन्न धाराओ के तहत अपराध दर्ज किया. मामले कि जाच पुलिस उपनिरीक्षक चंद्रकांत ममताबादे ने करते हुए दोषारोप पत्र न्यायालय में पेश किया. उक्त अभियोग कि सुनवाई प्रमुख जिला व सत्र न्यायधिश ए.झेड ख्वाजा के न्यायालय में हुई.
सरकार पक्ष की और से न्यायालय में 8 गवाहो के बयान दर्ज किए गए. सरकारी अधिवक्ता आशिष फुंडकर की दलील तथा पेश किए गए सबुतो के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए धारा 354 बी में 3 – 3 साल की सश्रम कारावास तथा 5-5 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा. जुर्माने की राशि अदा न करने पर उसे अतिरीक्त 6 महा कि सजा भुगतनी होगी.
[स्रोत- शब्बीर खान]