हैप्पी बर्थडे दादा: सबसे आक्रामक कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी दादागिरी से टीम को शिखर पर पहुंचाया

saurabh ganguli ke janmdin pr sbhi ne di subhkamnaye

आज 8 जुलाई है क्रिकेट के दादा बंगाल के टाइगर और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का आज 45 वां जन्मदिन है उनका जन्म 8 जुलाई 1972 को कलकत्ता में हुआ था, सौरभ गांगुली बचपन से ही उनकी शैली शाही अंदाज़ की रही है आगे शुरू करने से पहले सौरव गांगुली को उनके जन्मदिन पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं भगवान उनकी उम्र लंबी करें और उनके घर परिवार में सुख शांति बनाए रखें.

सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को दिया नया आयाम

जिस तरह गांगुली मैदान में आक्रामक रहते थे उससे सामने वाली टीम उनसे खोप खाती थी, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की गिनती दुनियाभर के महान कप्तानों में की जाती है जिस तरह से उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत की अगुवाई की थी उस समय भारतीय टीम क्रिकेट पूरी दुनिया में अपना नाम कमा रही थी गांगुली की कप्तानी में भारत ने कई रिकॉर्ड दर्ज किए.

1992 में की अपने करियर की शुरुआत

सौरव गांगुली का चयन भारतीय क्रिकेट टीम में 1992 को हुआ था, सौरभ गांगुली ने अपना डेब्यू मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे मैच खेला था जो आस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन के मैदान में खेला गया था हालांकि इस मैच में भारतीय टीम वेस्टइंडीज से 6 विकेट से हार गई थी जिसमे गांगुली ने सिर्फ 3 रनों का योगदान दिया था.

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टेस्ट मैचों के लिए उन्हें 4 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा 1996 में जाकर उन्हें टीम में जगह दी गई इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स के मैदान में उन्हें खेलने का मौका दिया गया पहले ही मैच में गांगुली ने शतक लगाकर साबित कर दिया कि वह एक बड़े खिलाड़ी हैं हालांकि यह मैच इंग्लैंड के साथ ड्रा रहा था.

2000 से 2005 तक उनकी कप्तानी में बने रिकॉर्ड

दादा की कप्तानी में भारतीय टीम में 49 टेस्ट मैच खेले जिसमें 21 में जीत हासिल की और 13 में हार का सामना करना पड़ा जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे, वनडे मैचों के रिकॉर्ड की बात की जाए तो गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने 146 मैच खेले थे जिसमें 76 मैचों में जीत दर्ज की जबकि 65 मैचों में हार का सामना करना पड़ा और 5 मैच बेनतीजा रहे थे.

सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को उसी की धरती पर 2002 में नेट वेस्ट श्रंखला में हराया सीरीज को जीतने के बाद सौरव गांगुली ने मैदान में ही अपनी टी-शर्ट उतार कर घुमाई थी,  2003 के वर्ल्ड कप मैं भारतीय टीम ने जबरदस्त खेल दिखाया किंतु फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 125 रनों से हार गई यहां सचिन का वर्ल्ड कप जीतने का सपना अधूरा रह गया जो कि 2011 में पूरा हो सका.

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