रायबरेली हादसा: तो इस कारण गई 30 लोगों की जान

यह तो सभी जानते हैं कि जब कॉन्फिडेंस और ओवरकॉन्फिडेंस में बदल जाए तो वह हमेशा ही हानिकारक साबित होता है ऐसा ही कुछ रायबरेली हादसे के दौरान होगा. अब तक रायबरेली हादसे में मृतकों की संख्या 30 हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग जख्मी है. इस हादसे का मुख्य कारण अधिकारियों का ओवर कॉन्फिडेंस रहा.NTPCरायबरेली हादसा यूनिट बंद किए बिना राख साफ करने के दौरान हुआ. यह बात गुरुवार को NTPC उत्तरी क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक रविंद्र सिंह राठी के बयान से स्पष्ट हुई. प्लांट की छठी यूनिट के बॉटम ऐश हूपर में 15 फुट तक रख जमा हो गई थी जिसको साफ करने के लिए कार्य चल रहा था क्योंकि राख जमा होने के कारण वैक्यूम बनने में काफी दिक्कत है आने लगी तथा बायलर में जो हवा का दबाव -5 रखा जाता है वह तेजी से बढ़ने लगा.

इस कार्यालय में 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है जिसको घटाकर 190 कर दिया गया तथा कोयले की सप्लाई रुकवा दी गई. अपने 30-30 साल पुराने अनुभव के कारण अधिकारियों ने बॉटम ऐश हूपर से राख गिराने के दौरान यूनिट को बंद करना जरूरी नहीं समझा. जब राख का एक टुकड़ा गिरा तो उससे हूपर का जोड़ टूट गया और बेहद गर्म फ्ल्यू गैस निकलने लगी तथा कर्मचारी झुलस गए.

कर्मचारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि हूपर में कोई विस्फोट नहीं हुआ यह हादसा हूपर पर राख गिरने से जोड़ खुलने के कारण हुआ है. योगी सरकार ने इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर मांगी है तथा दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही के निर्देश भी दिए हैं.

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